योग सेहत के लिए सबसे उत्तम है। नियमित योग आसन करने से हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है
सेहत अच्छी होनी चाहिए। उम्रदराजों को सेहत का अधिक ध्यान रखना चाहिए। हम जानते हैं कि जैसे-जैसे उम्र ढलती जाती है शरीर में समस्यायें उत्पन्न होती जाती हैं। आमतौर पर ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है। चलने-फिरने में दिक्कत होती है। हाथों में कंपन होने लगती है। शरीर के कई हिस्सों में दर्द आदि होता है। लेकिन यह समस्यायें उम्र ढलने के समय होती हैं। कुछ लोग इनका शिकार 60 साल की उम्र से होने लग जाते हैं। कई ऐसे हैं जिन्हें 80 तक आप उसी लय में पायेंगे। उसके कई कारण हैं:
सेहत पर ध्यान :
जो लोग अपनी सेहत पर 30 के बाद ध्यान देना शुरु करते हैं उनकी उम्र 80 तक खुशहाल रह सकती है। जो लोग अपना ख्याल 40 की उम्र में रखना शुरु करते हैं उनकी उम्र 65 या 70 तक खुशहाल रह सकती है। इसलिए जितनी जल्द आप सेहतमंद होने की कोशिश करेंगे आप उतना ही अधिक देर में जर्जरता को ओढेंगे।स्वयं को अच्छा महसूस होने दीजिये :
कई लोग ऐसे होते हैं जो मायूसी और शांकाओं से स्वयं को घिरा पाते हैं। उनकी तमाम जिंदगी जोड़-घटाव में मिट जाती है। 50 के होते-होते दिल की बीमारी, मानसिक समस्यायें, आंखों की कमजोरी, चिड़चिड़ापन आदि रोग उन्हें हो जाते हैं। अपने मिजाज को हमेशा ताजा रखिये। स्वयं को अच्छा महसूस होने के बहाने ढूंढिये। दूसरों को देखकर हर बार मुस्कराइये। टेंशन को स्थायी मत मानिये। वह तो आती-जाती रहती है।परिवार को समय दीजिये :
यह देखा गया और भरोसे के साथ कहा गया है कि जिन लोगों के पास अपने परिवार के लिए समय होता है उनकी जिंदगी ऐसा न करने वालों के मुकाबले अधिक खुशहाल और ताजगी से बीतती है। परिवार खुशियां बढ़ाता है। हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका मिलता है और दूसरों की भावनाओं को समझने का भी। इसका सीधा असर हमारी मानसिक और शारीरिक क्षमता पर पड़ता है। हम खुद को भाग्यशाली अनुभव करते हैं क्योंकि हम एक परिवार का हिस्सा हैं जिसमें प्रेम, समर्पण, सहयोग आदि की बहार है।योग कीजिये :
योग सेहत के लिए सबसे उत्तम है। नियमित योग आसन करने से हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। दिनभर ताजगी बनी रहती है। मानसिक तौर पर हम स्वस्थ रहते हैं। नये विचारों का प्रवाह होता है। तन-मन प्रसन्न तो सब अच्छा।-गजरौला टाइम्स लाइफ.
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